हम भारत के मूलनिवासी लोग -हमारा एक ही धर्म है -'इंसानियत', हमारा एक ही मंदिर है 'संसद', हमारा एक ही भगवान है -'न्याय' ,हमारी एक ही धार्मिक किताब है – 'अम्बेडकर संविधान' , 'शिक्षा' ही हमारी हथियार है , 'संगठन' ही हमारा सत्संग है , और 'संगर्ष' हो हमारी पूजा है , 'राजनीती' ही हमारा लोक परलोक है …समयबुद्धा