साम्यवाद का सिध्दान्त क्या है? यह कहां से शुरू होता है। :——————————————————————
कम्यूनिज्म का सिद्धान्त इस विचार पर आधारित है कि दुनिया मे शोषण है,अमीर गरीबों का शोषण करते है अौर वे जन सामान्य को गुलाम बना लेते हैं । यह गुलामी कष्ट और गरीबी का कारण बनती है। कार्ल मार्क्स यही से अपना सिध्दान्त शुरू करते है। उन्होने ‘शोषण’ शब्द का इस्तेमाल किया है। कार्लमार्क्स इसका क्या इलाज बताते है? कार्लमार्क्स ने इसका इलाज यह बताया है कि गरीबी और कष्ट को दूर करने के लिए आवश्यक है कि निजी संपत्ति समाप्त कर दी जाए। किसी के पास भी निजी संपत्ति नही होनी चाहिए, क्योंकि निजी संपत्ति का मालिक ही श्रमिकों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की ‘सरप्लस वैल्यू’ (लाभ) को हड़प लेता है। श्रमिक को अपने उत्पादन की ‘सरप्लस वैल्यू’ नहीं मिलती । कार्लमार्क्स पूछते हैं कि श्रमिकों के श्रम से हुए उत्पादन की ‘सरप्लस वैल्यू’ को मालिक. क्यों हड़प लेता है? उनका जवाब है कि एकमात्र मालिक ‘राज्य ‘ होना चाहिए । इन्हीं कारणों से मार्क्स ने यह सिध्दान्त प्रतिपादित किया कि सर्वहारा की तानाशाही होनी चाहिए । सरकार शोषित वर्ग की होनी चाहिए, शोषक वर्ग की नही। सर्वहारा की तानाशाही का यही अाशय है। रूसी कम्यूनिज्म कार्ल मार्क्स के इसी मूल सिद्धान्त पर आधारित है।