हजारों साल पहले से तीन बंदरों का कहानी और चित्र चला आ रहा है ये कोई नै बात नहीं है, ये बौद्ध काल में बना और प्रचलित था


आपने तीन बंदरों की कहानी तो सुनी होगी जिसका सारांश इस प्रकार है

  • पहला बंदर : इसने दोनों हाथों से आंखें बंद कर रखी हैं, यानी जो बुरा नहीं देखता।
  • दूसरा बंदर : इसने दोनों हाथों से कान बंद कर रखे हैं, यानी जो बुरा नहीं सुनता।
  • तीसरा बंदर : इसने दोनों हाथों स मुंह बंद कर रखा है, यानी जो बुरा नहीं कहता।

हजारों साल पहले तीन बंदरों का कहानी और चित्र है। बहुत सारे ऐसे चीज है दुनिया में जो बुद्ध काल से और बुद्धा काल के समय में हुआ है या बना है या प्रचलित था बाद में समय के अंतराल में लोगों ने अपने अपने नाम कर दिया

 

बुद्ध की प्रामाणिकता विश्व के ज़र्रे ज़र्रे में मिल जाएगी, मैं जिस चारपाई पर बैठा हूं यदि इसके नीचे खुदाई कराई जाए तो यहां बुद्ध काल के ही अवयव/ प्रमाणिक वस्तुएं ही निकलेंगी

 

 

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